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करौंदे की चटनी की रेसिपी: चटपटे स्वाद के साथ सेहत भी

बरसात के मौसम में आप सबने करौंदे की चटनी जरुर खाई होगी। कच्चे फलों का खट्टा और पके फलों का खट्टा-मीठा स्वाद हमने बचपन में जमकर लिया है।छत्तीसगढ़ में करौंदे की झाड़ियाँ बहुतायत में पाई जाती थी मगर दूसरे फलों के पौधे का साथ यह भी छत्तीसगढ़ में विलुप्ति के कगा़र पर खड़ी है।90 के दशक में छत्तीसगढ़ी परिवारों की बाड़ियों और खलिहानों में इसकी झाड़ियाँ आवश्यक रूप से रहती थी।

करौंदा एक झाड़ी नुमा पौधा है। इसे अंग्रेजी में Cranberry  इसका वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa carandus) है। करौंदे के फलों का उपयोग सब्जी और अचार बनाने में किया जाता है। यह पौधा भारत में राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हिमालय के क्षेत्रों में पाया जाता है।करौंदे की झाड़ियों में फूल आना मार्च के महीने में शुरू हो जाता है और जुलाई से सितम्बर के बीच फल पक जाता है।
करौंदे की झाड़िया पहाडी प्रदेशों में ज्यादा होती हैं।इसकी झाड़ियों में कांटे भी होते है।इसकी ऊंचाई 6 से 7 फीट तक होती है।इसके कांटे काफी मजबूत होते है। इसके फूलों की गन्ध जूही के समान होते है। इसके कच्चे फल गोल,छोटे और हरे रंग के होते है। पकने पर यह कत्थई, काले रंग के हो जाते है।
करौंदे का कच्चा फल कड़वा,अग्निदीपक,खट्टा,स्वादिष्ट और रक्तपित्तकारक है।यह विष तथा वातनाशक भी है। भले यह एक छोटा सा फल है पर इसमें काफ़ी औषधीय गुण मौजूद हैं।करौंदे के फलों में साइट्रिक एसिड और विटामिन सी पाई जाती है। इसके फल,पत्तियों एवं जड़ की छाल औषधीय प्रयोग में लाई जाती है।

रेसिपी जानने के लिए विडिओ देखे

आवश्यक सामग्री
1. करौंदे
2. लहसुन की कलियाँ
3. हरी मिर्च या खड़ा लाल मिर्च
4. खड़ा धनिया
5. नमक स्वादानुसार
6. धनिया पत्ती
7. प्याज़
इन सभी सामग्री को एकसाथ सील बट्टे से या इलेक्ट्रिक मिक्सी से पीस ले।
चटपटी चटनी तैयार है।

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