नहीं रहे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पुर्व प्रोफेसर प्रभाकर, मेडिकल कॉलेज में अपना देहदान किया
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पुर्व रजिस्ट्रार और अर्थसास्त्र के प्रोफेसर रहे श्री प्रभाकर श्रीधर का बीते शुक्रवार को 85 साल की उम्र में निधन हो गया। प्रो. प्रभाकर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में शुरुआती दौर के प्रोफेसरों में से एक रहे हैं। बाद में उन्होंने रजिस्ट्रार के तौर पर भी काम किया।
कहते हैं एक शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता और हमेशा छात्रों के भले के लिए ही सोचता है। प्रो. प्रभाकर इसका प्रमाण हैं। वे हमेशा ही छात्रों से जुड़े रहे और उनके लिए काम करते रहे। इसी लगाव के चलते उन्होंने अपना शरीर रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज को दान कर दी थी। निधन के बाद परिवार ने अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए आज उनका पार्थिव शरीर कॉलेज प्रबंधन को सौंप दिया।
प्रो. प्रभाकर ने आज से दस साल पहले ही रायपुर के जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज को अपना शरीर दान कर दिया था। परिवार का कहना है कि प्रो.प्रभाकर खुद शिक्षा से जुड़े हुए थे और मेडिकल के छात्रों की पढाइ के लिए देहदान का महत्व समझते थे इसलिए उन्होंने अपना शरीरदान कर दिया। साथ ही वो ये चाहते थे कि बाकी लोग भी इससे प्रेरणा लें और समाज भी जागरुक हो।
कहते हैं एक शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता और हमेशा छात्रों के भले के लिए ही सोचता है। प्रो. प्रभाकर इसका प्रमाण हैं। वे हमेशा ही छात्रों से जुड़े रहे और उनके लिए काम करते रहे। इसी लगाव के चलते उन्होंने अपना शरीर रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज को दान कर दी थी। निधन के बाद परिवार ने अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए आज उनका पार्थिव शरीर कॉलेज प्रबंधन को सौंप दिया।
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