छत्तीसगढ़ के सुआ नृत्य का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रविवार को दर्ज हो गया। रविवार, 29 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ की संस्कृति सुआ नृत्य (सुआ नाचा) की परम्परा को जीवित रखने के लिए दुर्ग में करीब 15 हजार महिलाओं ने एक साथ दस मिनट तक सुआ नृत्य कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। रविशंकर स्टेडियम दुर्ग में शाम 4:40 बजे से शाम 4:50 बजे तक अंचल के सभी जिले से आई महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा के साथ सुआ नृत्य किया।
एशिया गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इसे एतिहासिक बताते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र भी सौंपा। दुर्ग के रविशंकर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह और भाजपा के कई मंत्री शामिल हुए। इस कार्यक्रम का आयोजन भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पाण्डेय ने किया था. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रविशंकर स्टेडियम के जीर्णोद्धार की घोषणा की।
इस रिकॉर्ड के साक्षी यहां मौजूद करीब 20 हजार लोग बने। 11 मिनट के प्रदर्शन के बाद और 2 मिनट "आसीस" (आशीर्वाद) एशिया स्वर्ण बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एशिया प्रमुख डॉ मनीष विशोनी ने आधिकारिक तौर पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उपलब्धि प्रविष्टि की घोषणा की। श्री विश्नोई ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह व गोदना मंच के संयोजक व भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय को भी सर्टिफिकेट प्रदान किए।
डॉ रमन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यह दुर्ग के नागरिकों का एक नया प्रयास है जो छत्तीसगढ़ की पुरानी संस्कृति की रक्षा के लिए विश्व रिकॉर्ड प्रदर्शन करके और रिकॉर्ड की सुनहरी किताब में प्रवेश कर रहा है। छत्तीसगढ़ ने विश्व में एक नई पहचान स्थापित की है।
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