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छत्तीसगढ़ की बेटी का इसरो में चयन, बनेगी साइंटिस्ट

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पूजा चंद्रवंशी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आयोजित रिटन टेस्ट में 26वें रैंक पर है पूजा, पोस्टमास्टर ने कर्ज से पढ़ाया, बेटी इसरो साइंटिस्ट...
कवर्धा तहसील के ग्राम पंचायत इंदौरी डाकखाने में काम करने वाले पोस्टमास्टर सूर्यप्रकाश चंद्रवंशी की बेटी पूजा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) में साइंटिस्ट बनेगी। इसरो ने रिटर्न टेस्ट में सफल कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी है, जिसमें पूजा चंद्रवंशी का नाम ऑल रैंक 26वें नंबर पर है। उसका चयन इसरो में जूनियर साइंटिस्ट पद के लिए हुआ है।

पूजा को यह मुकाम उनके पिता की कड़े संघर्षों से मिला है। इंदौरी डाकखाने में पोस्टमास्टर सूर्यप्रकाश को हर महीने 12 हजार रुपए तनख्वाह मिलती है। इतनी कम सैलरी में उन्हें अपनी बेटी को पढ़ाना संभव नहीं था, इसलिए उन्होंने ने बैंक से 2 लाख रुपए लोन लिया था, जिसे वे थोड़ा-थोड़ा कर अब तक चुका रहे हैं। बेटी पूजा ने भी अपने पिता के संघर्ष को व्यर्थ नहीं जाने दिया। इसरो के सफल कैंडिडेट्स की सूची में 26वां रैंक हासिल कर जूनियर साइंटिस्ट बन गई है।
पूजा चंद्रवंशी शुरु से ही मेधावी छात्रा रही है। गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। 10वीं में 88 प्रतिशत की। 12वीं में 89.8 प्रतिशत अंक से पास होने पर उसने इसरो में साइंटिस्ट बनने काम बना लिया था। लक्ष्य को हासिल करने के लिए कवर्धा कॉलेज में पहले ग्रेजुएशन कंपलीट किया।
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बेटी की उपलब्धि की खुशियां मनाते पेरेंट्स। 
जाॅब कर संघर्ष के दिनों में बंटाया पिता का हाथ 

संघर्ष के दिनों में घर चलाने के लिए पूजा ने पिता का हाथ बंटाया। इसके लिए उसने बीएसएनएल ऑफिस कवर्धा में नौकरी ज्वाइन की। पूजा बीएसएनएल में बतौर जेटीओ के पद पर कार्यरत है। अब वह इसरो में साइंटिस्ट बनेगी। पूजा की इस उपलब्धि से गांव ही नहीं, बल्कि कबीरधाम जिले का नाम रोशन हुआ है। भास्कर से चर्चा में पूजा भावुक हो उठी। उसने कहा कि आज वह जो भी है, वह अपने पिता के कड़े संघर्षों की वजह से है। मुश्किल परिस्थिति में पिता ने हमेशा उसका हौसला बढ़ाया।

वहीं पूजा की मां कल्याणी चंद्रवंशी कहती है कि जो उपलब्धि उनकी बेटी ने हासिल की है, उस पर उन्हें गर्व है। पूजा की छोटी बहन पूनम और भाई आलोक उसे अपना रोल मॉडल बताते हैं। 

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