Header Ads

कांगेर घाटी नेशनल पार्क में मिला दुर्लभ वेरिएबल कलर्ड वाइन स्नैक


कांगेर घाटी नेशनल पार्क में दंडक गुफा के निकट दो युवक रवि नायडू और महेश कश्यप ने दुर्लभ माने जाने वाले वेरिएबल कलर्ड वाइन स्नैक को ढूंढ निकाला है। मध्य भारत में इस सांप की उपस्थिति आज तक नहीं मिली थी। ये पहला मौका है कि जब उन्होंने इसे देखा और इसकी तस्वीरें कैमरे में कैद की। कांगेर घाटी नेशनल पार्क में अभी राष्ट्रीय पक्षी सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। इसके लिए रवि और महेश आधुनिक कैमरों के साथ जंगलों की खाक छान रहे हैं। सोमवार को भी जब ये दंडक गुफा की तरफ बढ़े तो इन्हें अचानक ही पेड़ पर लिपटा एक सांप दिखा।

थोड़ी देर में ही इनमें से एक युवक ने इसकी पहचान की और तस्वीरें खीचीं। राष्ट्रीय पक्षी सर्वेक्षण के प्रोजेक्ट अस्सिटेंट रवि नायडू अपने सहयोगी महेश कश्यप के साथ इन दिनों जंगलों में घूम रहे हैं। रवि ने बताया कि इस सांप का नाम वेरिएबल कलर्ड वाइन स्नैक हैं। इसका वैज्ञानिक नाम आहेतुला एनेमाला है। यह सांप पूरे भारत में सिर्फ गिने चुने राज्यों में अब तक पाया गया है। इनमें बिहार, झारखंड, ओड़िशा और वेस्ट बंगाल शामिल हैं। मध्य भारत में इसे पहली बार देखा गया है। युवकों ने इस सांप की तस्वीर कैनन 760 डी कैमरे में कैद की है।

खतरा भांपकर रंग बदल लेती है मादा 

बस्तर के जंगलों में दोनों युवकों ने जिस आहेतुला एनेमाला को देखा है वो मादा है। मादा आहेतुला एनेमाला का रंग भूरा होता है लेकिन खतरा भांपते ही वह कैमोफलास (लकड़ी, पेड़ ) का रंग धारण कर लेती है। इसके बाद उसे देखना आसान नहीं रहता है। इसी तरह नर आहेतुला एनेमाला का रंग हरा हाेता है, वह भी खतरे को भांपते ही पेड़ का रंग धारण कर लेता है।  

No comments