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आकार ले रहा है स्काई वॉक, सुविधा अप्रैल से


राजधानी में शास्त्री चौक के चारों ओर करीब पौन किमी तक पैदल लोगों के लिए बनाया जा रहा स्काईवॉक अप्रैल में शुरू हो जाएगा। तीन महीने पहले जिस डिजाइन के साथ इसका काम शुरू हुआ था, शहर के अलग-अलग लोगों और नेताओं की सलाह पर इसके डिजाइन में बड़ा बदलाव किया गया। पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने बताया कि नई सुविधाओं के बावजूद स्काईवॉक अप्रैल अंत तक शहर के लोगों के लिए शुरू कर दिए जाएगा। डिजाइन में जो बदलाव हुए हैं, उनमें दो अस्पतालों को जोड़ने के लिए नई सुविधाएं तथा शहीद स्मारक की पार्किंग की दिक्कत दूर करने के लिए हुआ चेंज शामिल है।

नहीं हटेंगे ऐतिहासिक निर्माण 

स्काई वॉक निर्माण को कई स्तर पर गैरजरूरी बताते हुए इससे रायपुर की पहचान को क्षति पहुंचाने का मुद्दा उठाया गया था। कांग्रेस विधायक रेणु जोगी ने यह आशंका जताते हुए पीएमओ को चिट्ठी लिखी थी कि इससे शहर के कई ऐतिहासिक स्थलों की पहचान खत्म हो जाएगी। इस पत्र के बाद मंत्री मूणत के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने डिजाइन में बड़े बदलाव किए हैं। चीफ इंजीनियर एसके कोरी ने बताया कि जयस्तंभ चौक, देवलालीकर कला वीथिका, मोती बाग, घड़ी चौक, टाउन हॉल सहित कोई भी ऐतिहासिक या शहर को पहचान देने वाली धरोहर से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।

कलेक्टोरेट से जयस्तंभ तक डिवाइडर होगा 3 मीटर ऊंचा 

पैदल चलने वाले स्काई वॉक से ही सड़क पार कर सकेंगे। प्रशासन ने तय कर लिया है कि यहां डिवाइडर न्यूनतम 2 मीटर और अधिकतम 30 मीटर ऊंचे बनाए जाएंगे, ताकि कोई इसे फांद नहीं सके। इसीलिए पैदल चलने वालों के पास स्काई वॉक के उपयोग के अलावा काेई विकल्प नहीं होगा। उन्हें रोड के दूसरी ओर आने के लिए भी स्काई वॉक का ही उपयोग करना पड़ेगा। इससे हादसे का खतरा कम होगा। अभी लोग डिवाइडर फांदते रहते हैं, इससे जीई रोड जैसी व्यस्त सड़क पर हादसों का खतरा हमेशा बना रहा है। पीडब्ल्यूडी स्काई वॉक के पिलरों को भी डिवाइडर और लोहे की ग्रिल से बंद करेगा।

क्विक फैक्ट्स 

1400 मीटर लंबाई सब मिलाकर।

43 करोड़ आएगा कुल खर्च।

08 जगहों को जोड़ेगा।

240 मी. रोटरी शास्त्रीचौक की।

525 मी.मल्टीलेवल पार्किंग तक।

425 मी. अंबेडकर हॉस्पिटल तक।

25 मीटर दूरी घड़ी चौक की तरफ।
Source : Dainik Bhaskar

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