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सिटी के यंगस्टर्स ने राजो बाई की रियल स्टोरी पर बनाई 5 मिनट की शॉर्ट फिल्म 'दाई'


भीख के पैसों से स्ट्रीट डाॅग्स को खाना खिलाती हैं राजो इंसानियत का ये पाठ पढ़ाने बनाई शॉर्ट फिल्म 'दाई'
सिटी के यंगस्टर्स ने राजो बाई की रियल स्टोरी पर बनाई 5 मिनट की फिल्म

लोगों को इंसानियत सिखाने सिटी के कुछ यंगस्टर्स ने मिलकर राजो बाई की रियल स्टोरी पर 5 मिनट की शॉर्ट फिल्म बनाई है। राजो बाई जोरा ब्रिज के पास बस्ती में रहती हैं। कभी अपनी झोपड़ी तो कभी फुटपाथ पर ही सो जाती हैं। वहां से गुजरने वाले उसे कभी भी भीख मांगते देख सकते हैं। मगर उसके बाद जो होता है वो देखकर लोग हैरान रह जाते हैं।

दरअसल राजो बाई भीख में मिले पैसों या खाने की चीजों को पास ही रहने वाले लावारिस कुत्तों और गायों को खाना खिलाती हैं। सड़क किनारे बैठते ही राजो बाई के पास बेजुबानों का जमघट लग जाता है। उनकी रियल लाइफ को शिव कुमार, मो आमिर और मयंक रायकवार की टीम ने शूट किया है। शॉर्ट फिल्म को नाम दिया है दाई। इस छत्तीसगढ़ी वर्ड का मतलब मां है। टीचर्स डे पर ये टीम इस शॉर्ट फिल्म को रिलीज कर रही है। लर्न ह्यूमैनिटी का मैसेज देने इस फिल्म काे फेसबुक और यू ट्यूब पर देख सकते हैं।

शॉर्ट फिल्म के कैरेक्टर रियल, किसी ने नहीं की कोई एक्टिंग

आम तौर पर डॉक्यूमेंट्री या शॉर्ट फिल्म में किरदार एक्टिंग करते हैं। या फिर विजुअल्स के लिए नाटकीय सीन क्रिएट किए जाते हैं। शिव ने बताया कि फिल्म को लेकर टीम ने ये प्लान किया कि हम रियल सीन शूट करेंगे। पांच दिनों तक कैमरा टीम राजो बाई को फॉलो करती रही। ये बात इस बुजुर्ग महिला को भी नहीं पता थी। आखिरी दिन फिल्म मेकर्स की टीम ने राजो से मिलकर उसे फिल्म के बारे में बताया। फिल्म में उनकी डेली रूटीन को दिखाया गया है।

वीडियो यहाँ देखे

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