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हमर छत्तीसगढ़ : पांच रियासतों के राजकुमार करतेे थे पढ़ाई राजपरिवारों के लिए रायपुर में बना राजकुमार कॉलेज


छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक बड़े कॉलेज का नाम भी जुड़ा हुआ है। जिसे राजकुमार कॉलेज के नाम से जाना जाता है। राजकुमार कॉलेज में छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों के राजाओं के बेटे भी पढ़ाई करने आते थे। इस कॉलेज परिसर में ही जशपुर हाल है। जहां पर छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली मीटिंग हुई थी। इस कॉलेज में विधायक से लेकर अफसर मीटिंग में शामिल थे।


1894 में जबलपुर से रायपुर स्थानांतरित हुआ कॉलेज, छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली बैठक भी राजकुमार कॉलेज में हुई, अब जनसाधारण के लिए उपलब्ध है।

तथ्य जो बताते हैं राजकुमार कॉलेज का इतिहास 

1. छत्तीसगढ़ के अलावा, ओडिसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड व बिहार आदि रियासतों के राजकुमारों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से राजकुमार कॉलेज की स्थापना की गई।

2. सैकड़ों एकड़ जमीन लीज पर इस कॉलेज को दिया गया। मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के 14 देशी रियासतों के शासकों ने दान देकर अनेक बोर्डिंग, हॉल व अन्य विकास कार्याें में सहयोग किया।
3. सन 1882 ईंसवी में यह कॉलेज जबलपुर में स्थापित किया गया, लेकिन सन 1894 में इसे रायपुर में स्थानांतरित कर दिया गया।

4. जशपुर हाल 3 फरवरी 1998 ईसवीं को बन कर तैयार हुआ इसी हाल में नए छत्तीसगढ़ राज्य के विधानसभा की पहली ऐतिहासिक मीटिंग हुई। राजकुमार कॉलेज की ऐतिहासिकता के साथ नया पन्ना जुड़ गया।
5. राजकुमार कॉलेज के मुख्य भवन में बड़ी घड़ी सारंगढ रियासत के राजा जवाहिर सिंह ने दिया था, जो लगभगत सौ वर्षाें से चल रही है। चारों दिशाओं में घड़ी दिखती है।

6. कॉलेज के प्रगति पथ पर भवन बने हुए है। जहां पर केजी वन से लेकर बारहवीं क्लास तक की पढ़ाई होती है।

7. 7. राजकुमार कॉलेज ने संदेश भी दिया है, जिसके वाक्य भी प्रशंसनीय है। " स्वदेशे पूज्यन्ते राजा विद्वान सर्वत्र पूज्यते"।

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