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तीन हजार टन वजनी चट्टान पर मूर्ति तराशने की जिद


छत्तीसगढ़ के छोटे से शहर बागबाहरा के रहने वाले बृजेश ने करीब तीन हजार टन वजनी एक चट्टान को तराशकर भगवान गणेश की विशालकाय प्रतिमा बनाने का बीड़ा उठाया है। यह चट्टान यहां के घुंचापाली स्थित चंडी मंदिर की पहाड़ी पर स्थित है। पेशे से मूर्तिकार 32 साल के बृजेश ने 2015 में शिवरात्रि के दिन इसकी शुरुआत की थी। हर दिन इस पर करीब 700 रुपए खर्च हो रहे हैं। पैसे जुटाने के लिए वे छोटी-छोटी मूर्तियां बनाकर बेचते हैं।

बनने के बाद ऐसी दिखेगी प्रतिमा 
लाखों के आॅफर ठुकराए 

एनिमेशन में डिप्लोमा कर चुके बृजेश को कंपनियों और संस्थानों से कलाकृतियां बनाने के लिए लाखों के ऑफर मिलते रहते हैं। उनका कहना है कि दूसरा काम हाथ में नहीं लेंगे। प्रतिमा की ऊंचाई 18 फीट और चौड़ाई 15 फीट है।

मां बनीं प्रेरणा  

बृजेश की मां रिटायर्ड शिक्षक प्रेमलता निषाद बताती हैं कि वह तीन साल की उम्र से मूर्तियां बना रहा है। जब वह तालाब में नहाने जाती थीं तो बृजेश तंग करता था। उसे बहलाने के लिए मिट्टी के खिलौने बना देती थी। बाद में इसे देखकर वह खुद ही मूर्तियां बनाने लगा। जब बृजेश के पास पैसे नहीं होते हैं तो वह अपनी पेंशन से मदद करती हैं। 

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