शहर के ह्दय स्थल की पहचान में शहीद स्मारक भवन का इतिहास भी पुराना है। इस भवन को बेहद अलग ही रूप में आकार दिया गया है। इस भवन की खासियत यह है कि यहां सन 1857 की क्रांति के सेनानियों के नाम उल्लेख किए गए है, जो शहर के इतिहास के लिए गवाह बना हुआ है। शहर के बीचों-बीच यह स्मारक सबसे बड़ा भवन माना जाता है। इसलिए यहां तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इसके निर्माण के लिए संयुक्त मध्यप्रदेश के सीएम पुनाजा ने रखा आधार स्तंभ
1. रायपुर की विशेष पहचान में शहीद स्मारक भवन जीई रोड में स्थापित की गई है। इस भवन से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों का भावनात्मक लगाव है।
2. सन 1981 में भवन निर्माण के लिए संयुक्त मध्यप्रदेश के सीएम पुनाजा ने स्तंभ आधार रखा। इस भवन का निर्माण एक करोड़ 18 लाख रुपए में हुआ। इस भवन का गुंबद बेहद ही आकर्षक है। इसे नागपुर के कारीगरों की सहायता से बनाया गया है। इसका डिजाइन प्रसन्न कोठारी ने किया है।
4. स्मारक भवन के पास ही बड़ी लाइब्रेरी बनाने की योजना थीं, लेकिन बाद में लाइब्रेरी को भवन में ही शिफ्ट कर दिया गया। जहां आज भी लोग आकर लाइब्रेरी में पढ़ाई करते है।
5. इस भवन के निर्माण में 5 लोगों का नाम सबसे ऊपर है। निर्माण समिति में कमल नारायण शर्मा, हरि ठाकुर, नारायण राव अंबिलकर, नारायण दास राठौर, मोतीलाल त्रिपाठी, धनीराम वर्मा थे। वर्तमान में यह भवन निगम के अधीनस्थ है। इसके आय-व्यय का हिसाब भी निगम ही रखता है।
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