हमर छत्तीसगढ़: दुधधारी मठ, जहाँ श्री राम दूध से नहाते है
दुधधारी मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य में रायपुर मथपारा में बुढा तालब के पास स्थित है। यह मंदिर रायपुर में अपने प्रवास के दौरान महंत श्री बलभद्र दासजी द्वारा स्थापित किया गया था।
जब यह दुधधरी मंदिर के इतिहास की बात आती है, तब भी इसके निर्माण की तारीख का कोई ठोस सबूत नहीं है। हालांकि, यह माना जाता है कि 17 वीं शताब्दी के दौरान राजा जैत सिंह ने मंदिर का निर्माण किया था।
कई जगह इसे सन् 1610 में दूधाधारी मठ का निर्माण राजा रघुराव भोसले ने महंत बलभद्र दास जी के लिए करवाया माना जाता हैं। मठ का अपना प्राचीन इतिहास रहा है। इस मठ में कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं। इनमें बालाजी मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर, रामपंचायतन और वीर हनुमान मंदिर प्रमुख हैं। वैष्णव संप्रदाय से संबंधित इस मंदिर में रामायण कालीन दृश्यों का शिल्पांकन आकर्षक तरीके से किया गया है। मंदिर में मराठाकालीन पेंटिंग आज भी मौजूद हैं।
प्राचीन मंदिर में न केवल धार्मिक महत्व है बल्कि वास्तुकला के महत्व भी है। मंदिर के शानदार भित्ति-भरे और जटिल नक्काशियां कई आगंतुकों को आकर्षित करती हैं। लोक मान्यता के अनुसार, भगवान राम अपने निर्वासन काल के दौरान इस स्थान पर रहे थे।
राजधानी के लगभग 500 साल पुराने दूधाधारी मठ के संस्थापक बलभद्र दास महंत हनुमान भक्त थे और एक दिन अचानक वे अंतरध्यान हो गए। उनके शिष्यों ने उन्हें सुबह टहलते हुए देखा था। जब वे कहीं नहीं मिले तो मान लिया गया कि उन्होंने समाधि ले ली है। इसके बाद उनकी समाधि स्थल का निर्माण करवाया गया और आज भी वहीं सभी फैसले लिए जाते हैं।
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दुधधारी मठ कैसे पहुंचेवायु द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा रायपुर हवाई अड्डे (14 किमी), जबलपुर हवाई अड्डे (265 किमी) और सोनेगांव हवाई अड्डे (2 9 9 किमी) हैं।
ट्रेन द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशनों में से कुछ रायपुर रेलवे स्टेशन (2 किमी), सरस्वती नगर रेलवे स्टेशन (3 किमी) और डब्लूआरएस कॉलोनी रेलवे स्टेशन (4 किमी) हैं।
सड़क से: यह जगह सड़क से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। दुधधरी मठ तक पहुंचने के लिए बसों, टैक्सी और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।
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