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बाबरी केस: आडवाणी, जोशी और उमा पर कोर्ट ने आपराधिक साजिश रचने का आरोप तय कर दिया है


सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के केस में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत बीजेपी के 6 नेताओं पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप तय कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इन सभी पर आपराधिक साजिश के आरोप तय करने के लिए काफी सबूत हैं। इससे पहले कोर्ट ने इस केस के 12 आरोपियों को 50-50 हजार के निजी मुचलके पर बेल दे दी। इसके बाद उन्हें बरी करने के लिए अर्जी लगाई गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

क्या है पूरा मामला?


  • 6 दिसंबर, 1992 में बाबरी केस में दो मामले दर्ज हुए थे। एक मामला कार सेवकों के खिलाफ ढांचा गिराने के आरोप में दर्ज कराया गया था। इसकी सुनवाई लखनऊ में हुई थी।
  • -दूसरा मामला मंच पर मौजूद लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ था। इन पर ढांचा ढहाने की साजिश रचने का आरोप था। इसकी सुनवाई रायबरेली कोर्ट में हुई थी।

ऐसे SC पहुंचा मामला


  • सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मई 2001 में आडवाणी, जोशी, उमा, बाल ठाकरे और अन्य को टेक्निकल ग्राउंड का हवाला देते हुए आरोपों से बरी कर दिया था। 
  • सीबीआई इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची, लेकिन उसने भी इस फैसले को बरकरार रखा। 
  • इसके बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन लगाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के 13 नेताओं पर साजिश का केस चलाने का आदेश दिया था।
सौजन्य: दैनिक भास्कर 

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