छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत मरीन ड्राइव रायपुर से सीएम डॉ. रमन सिंह ने फ्लैग आॅफ करके की। डीजे और बैंड की धुन पर शुरू हुआ मार्च गौरव पथ, घड़ी चौक, शास्त्री चौक, मोतीबाग होते हुए इंडोर स्टेडियम पर खत्म हुआ। लाउड डीजे की धुन पर देशभक्ति गीत और रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कविताएं बज रही थीं। दजर्नभर घोड़े और बड़े-बड़े ट्रकों में झांसी की रानी के गेटअप में गर्ल्स हाथों में तिरंगा थामे खड़ी थीं। इसके पीछे दर्जनों घोड़ों, बग्गी और ट्रक में वीरांगनाएं बैठी थीं।
सिर पर साफा, रंग-बिरंगी साड़ी, एक हाथ में तलवार और दूसरे में ढाल थामे घोड़े पर सवार शहर की सैकड़ों बेटियां शनिवार को शक्ति प्रदर्शन करती दिखाई दीं। यह नजारा था महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती के मौके पर 19 नवंबर 2017 को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर वीरांगना मार्च का। कार्यक्रम में गर्ल्स ने लक्ष्मीबाई के गेटअप में 'बेटी को अधिकार दो', 'खुशियों के फूल खिलाती बेटियां', 'बेटी है तो कल है' जैसे सोशल मैसेज दिए।
वीरांगना मार्च को हरी झंडी दिखाने पहुंचे सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सप्ताह भर पहले मेरे घर में भी बेटी का जन्म हुआ है। बेटी के जन्म के बाद से ही घर में खुशियां दोगुनी हो गई है। बेटियों से ही घर में रौनक आती है। प्रदेश सरकार लगातार बेटियों के लिए काम कर रही है। बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षित करने के लिए कई योजनाएं हैं।
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