हमर छत्तीसगढ़ : 6-मासी शिव मंदिर देव बलोदा चरोदा भिलाई
देवबलोदा या देवबलोदा चरोदा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 18 किमी दूर स्थित है। यह दुर्ग जिले के भिलाई शहर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है। यहाँ भगवान शिव का 6-मासी शिव मंदिर नामक एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है, जो 7 वीं शताब्दी का माना जाता है। यह एक बहुत ही सुंदर मंदिर है और इसके निकट एक तालाब है। मिथक है कि यह तालाब छत्तीसगढ़ राज्य के एक अन्य पुराने शहर आरंग से एक भूमिगत सुरंग से जुड़ा हुआ है।
मंदिर का इतिहास
कहते है कि इस मंदिर का निर्माण सिर्फ ६ महीने में हुआ था इसीलिए इसे 6 मासी मंदिर भी कहते है। देखने में यह मंदिर कुछ अधूरा सा है। राजा विक्रमादित्य ने इस मंदिर का 7वी शताब्दी में निर्माण कराया था। कुछ इसे 11वी शताब्दी का मानते है। जबकि इस मंदिर में चालुक्य स्थापत्य कला का प्रभाव दिखता है। बलुआ पत्थर से बने इस मंदिर की खासियत है की इस मंदिर का शिखर ही नहीं है।
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मंदिर परिसर में एक बावड़ीनुमा कुंड भी बना हुआ है जिसकी गहराई आज तक पता नहीं चल पाया। कलचुरी काल में बना देवबलोदा चरोदा का शिव मंदिर 12वी से 13वीं सदी का माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण एक मूर्तिकार ने 6 महीने की रात्रि में नग्नावस्था में किया। उसकी पत्नी रात्रि में उसके लिए खाना लेकर आती थी।
एक बार उसकी बहन खाना लेकर आ गयी उसे देखकर मूर्तिकार ने नग्नावस्था में ही कुंड में छलांग लगा दी और वह सुरंग के रास्ते आरंग चला गया। इधर उसकी बहन को लगा कि उसकी वजह से उसका भाई मर गया तो उसने कुछ दूर स्थित करसा नमक तालाब में कूदकर अपनी जान दे दी। जहाँ आज भी उसकी मूर्ति है। आरंग में मूर्तिकार सुरंग से होते हुए जिस जगह वहां पर भानदेव नामक मंदिर बना हुआ है। जहाँ पर उसकी नग्न मूर्ति आज भी देखी जा सकती है।
मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी का एक मूर्ति है। मंदिर के गर्भगृह में स्यंभू भूरे रंग का शिवलिंग है। भगवान शिव, भगवान गणेश के मंदिर के अंदर अन्य देवताओं के साथ कई मूर्तियां हैं मंदिर के बाहर की दीवारों में योद्धाओं की खूबसूरत मूर्तियां, पुरुषों और महिलाओं के नृत्य, जानवरों, देवता आदि शामिल हैं।
खजुराहो मंदिरो की तरह इस शिव मंदिर में भी देवी देवताओ की कामान्तर रूप और नक्काशीदार प्रतिमाये आकर्षण का केंद्र है। देवबलोदा चरोदा की इस मंदिर की बनावट ही विशेष है। पुरातात्विक महत्त्व का होने की वजह से यह मंदिर भारतीय पुरातात्विक विभाग की संरक्षण में है। मंदिर के बगल में एक कुंड है जिसका पानी कभी नहीं सूखता है। बावड़ीनुमा कुंड में सीढ़ियां भी बनी हुयी है।
6-मासी मंदिर कैसे पहुंचे
सड़क से: यह शहर सड़क मार्ग से नेशनल हाईवे द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है राजधानी रायपुर से 18 किमी दूर स्थित है। यह भिलाई शहर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है। यहाँ पहुंचने के लिए सभी तरह के परिवहन के साधन उपलब्ध है।
ट्रेन से: मंदिर से कुछ दूर ही देवबलोदा चरोदा रेलवे स्थित है।
फ्लाइट से: निकटतम एयरपोर्ट स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर है।
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