हमर छत्तीसगढ़ : मामा-भांजा मंदिर बारसूर, बस्तर
‘मामा-भांजा मंदिर’ छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर बस्तर में मंदिरो के शहर बारसूर में स्थित है। यह इंद्रावती नदी की तरफ गीदाम से 16 किलोमीटर दूर (गीदाम जगदलपुर से 80 किलोमीटर) भोपालपट्टणम के रास्ते पर स्थित है। यह मंदिर ‘भारतीय पुरातत्त्व विभाग’ की देखरेख में है। भगवन शिव को समर्पित इस मंदिर को ‘मामा – भांजा’ मंदिर के नाम से जानते है। कहते हैं, मामा और भांजा दो शिल्पकार थे जिन्हे ये मंदिर ‘सिर्फ एक दिन’ में पूरा करने का काम मिला था। और उन दोनों ने ये मंदिर सिर्फ एक दिन में बना दिया।
मामा भांजा मंदिर काफी ऊँचा मंदिर है, और इसमें ऊपर दो तरफ मामा और भांजा के पत्थर की मूर्तियां बनायीं गयी हैं। सोचने वाली बात है की मंदिर मामा भांजा ने बनाया, शिव को समर्पित और उसमे उनकी खुद की भी मूर्ति लग गयी। तो सवाल ये है कि उनकी मूर्ति किसने बनायी और लगवायी होगी? खुद उन्होंने या किसी और ने?
लेकिन अब मंदिर काफी जर्जर हालत में है, पुरातत्व विभाग इसको सुधरने के काम में जुटा हुआ है, जगह जगह सरिया – सीमेंट बिखरे हुए दिख जायेंगे। पर इस हालत में भी ये मंदिर अत्यंत सुन्दर है।
मामा - भान्जा मन्दिर कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से : प्रसिद्ध मामा - भान्जा मन्दिर दन्तेवाड़ा जिले के गांव बारसुर में स्थित है। यह गांव गदम से करीब 23 किलोमीटर दूर है। जगदलपुर तथा दन्तेवाड़ा से यहां बस द्वारा पहुंचा जा सकता है।
ट्रेन से : निकटतम रेलवे स्टेशन जगदलपुर रेलवे स्टेशन है। यहाँ से बस और टैक्सी उपलब्ध है।
फ्लाइट से : जगदलपुर हवाई अड्डे से कार द्वारा 96 किमी।
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