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हमर छत्तीसगढ़ : सरोना में प्राचीन शिव मंदिर, जहाँ ब्रम्हा की भी मूर्ति है

21 वीं सदी के एेतिहासिक मंदिरों में शामिल शिव मंदिर परिसर में तमाम देवी-देवता की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इस मंदिर में ब्रम्हा की प्रतिमा भी स्थापित की गई है, जिसे सबसे ज्यादा दुर्लभ माना गया है। इतिहासकारों की मानें तो शिव मंदिर में ब्रम्हा की प्रतिमा स्थापित नहीं की जाती है, लेकिन यहां दुर्लभ प्रतिभा स्थापित की गई है।

राजधानी से लगा सरोना गांव यहां की प्राचीन शिव मंदिर आैर तालाब के लिए प्रसिद्ध है, तालाब में नथ वाली मछली भी


1. रायपुर से 7 किलोमीटर दूरी पर बसा सरोना गांव में 1952 में बना शिव मंदिर व प्राचीन तालाब के कारण प्रसिद्ध है।
2. इस मंदिर में हंस पर सवार ब्रम्हा की मूर्ति स्थापित है। यहां विष्णु की प्रतिमा गरूढ़ के साथ विद्यमान है। गणेश व पार्वती भी विराजे है। द्वार रक्षक कीर्तिमुख है। पांच मुख वाले शिव भी विराजमान है।
3. सन 1838 ईसवीं में मंदिर परिसर में जलाशय का निर्माण हुअा। मंदिर की देखरेख ठाकुर परिवार करता है।
4. त्रिरथ शैली में उत्तर की ओर मुंह वाला मंदिर है। पद्मासन में शिव भगवान बैठे है।
5. इस मंदिर में ऋषिकेश से आए शिवगिरि नामक सन्यासी जमीदार के अाग्रह पर यहीं रूक गए और मंदिर की देख-रेख करने लगे।
6. परिसर में हनुमान की मूर्ति गोस्वामी तुलसी दास का मंदिर भी है। दो तालाब हैं। जिसमें नथ वाली मछली आैर कई कछुएं हैं ।
7. सरोना के जमीदार गुलाब सिंह ठाकुर ने पुत्र की कामना करते हुए तालाब व मंदिर का निर्माण करवाया। उन्हें भगवान शंकर की कृपा से दो पुत्र की प्राप्ति हुई।

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