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स्टेट टॉपर विजय को व्हाट्सअप से मिली 1 लाख की मदद, अब टीचर बनने की पढ़ाई करेगा विजय


आर्थिक रूप से कमजोर हुनरमंद छात्र विजय साहू की मदद के लिए शहर की कुछ सामाजिक संस्था और लोग आगे आए हें। कारपेंटर माता-पिता के बेटे विजय साहू का सलेक्शन रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (आरआईई) भोपाल के बीएससी विद बीएड कोर्स में हुआ है। एंट्रेंस एग्जाम के मार्क्स के आधार पर राज्य से विजय समेत तीन स्टूडेंट्स का सलेक्शन इस संस्थान में हुआ है। विजय जनरल कैटेगरी में टॉप पर रहे हैं। लेकिन पैसों की कमी के चलते वे संस्थान में एडमिशन नहीं ले पा रहे थे।

कुछ वॉट्सएप ग्रुप में ये जानकारी वायरल होने के बाद विजय की मदद के लिए कई सामाजिक संस्था और लोेग सामने आने लगे। एक हफ्ते के भीतर एक लाख रुपए से ज्यादा रकम इकट्ठा कर ली गई है। अब विजय ग्रेजुएशन में एडमिशन ले सकेगा।

प्रतिभा प्रोत्साहन समिति वॉट्सएप ग्रुप के मेंबर्स ने भी विजय को आर्थिक मदद की है। ये ग्रुप इससे पहले बारहवीं के टाॅपर धावेन्द्र साहू की 2 लाख रुपए मदद कर चुका है।

खेतों में मजदूरी करने के अलावा विजय कारपेंटर पिता को भी काम में भी मदद करता है।

नवोदय विद्यालय से पढ़ाई करने वाले विजय ने बारहवीं में 84.6 प्रतिशत हासिल किए हैं। शिक्षक बनने का सपना लिए विजय को कुछ समय पहले नवोदय स्कूल के ही टीचर्स ने बताया था कि अगर हमारी तरह टीचर बनना चाहते हो तो आरआईई का एंट्रेंस एग्जाम दिलाओ। इसमें सलेक्शन के बाद तुम चार साल में ग्रेजुएशन के साथ बीएड की डिग्री भी हासिल कर लोगे। तभी से विजय ने एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी।

विजय को यकीं था कि वो एंट्रेंस एग्जाम क्लीयर कर लेगा, चिंता बस इस बात की थी कि फीस के लिए पैसे कहां से आएंगे। लिहाजा, इसके लिए विजय ने 12वीं का एग्जाम होने के तुरंत बाद खेत में मजदूरी करना शुरू कर दिया। मजदूरी करने के साथ ही रोजाना रात को वो एंट्रेंस एग्जाम के लिए पढ़ाई करता।

विजय के पिता युगल किशोर कारपेंटर हैं। मां डोमेश्वरी मजदूरी करती हैं। खेतों में मजदूरी करने के अलावा विजय अपने पिता की भी फर्नीचर बनाने में मदद करता।

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