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छत्तीसगढ़ : 10 वीं के परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव, अब 75 नंबर के होंगे मुख्य परीक्षा


छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं परीक्षा के सिस्टम में कई बड़ा बदलाव कर दिया है जो की इसी सत्र से लागू होने जा रहा  है। इस बदलाव के साथ दसवीं बोर्ड की परीक्षा में अब थ्योरी 75 अंक की होगी। बाकी 25 अंक प्रैक्टिकल और प्राेजेक्ट वर्क के होंगे। साइंस में प्रैक्टिकल वर्क होगा और बाकी विषयों में प्राेजेक्ट वर्क ।

अभी तक केवल साइंस में ही प्रैक्टिकल वर्क लिया जाता था। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारीयों ने बताया कि, सिलेबस के अनुसार परीक्षा के सिस्टम में बदलाव विद्यार्थियों की सहूलियत को देखते हुए किया गया है। नए कोर्स में साइंस में प्रैक्टिकल के लिए 25 अंक रखा गया हैं, तो हिंदी, संस्कृत, सामाजिक विज्ञान व अन्य विषय में प्रोजेक्ट वर्क के लिए इतने ही अंक तय किए गए हैं। इसके अनुसार ही विद्यार्थी परीक्षा देंगे।

परीक्षा में 15 अंक के ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे। पिछले सत्र तक साइंस के 75 अंक की थ्योरी में आब्जेक्टिव के 10 अंक हुआ करते थे। पांच अंक के आब्जेक्टिव बढ़ा दिए गए हैं। सभी विषयों में इतने ही अंक के ऑब्जेक्टिव होंगे। परीक्षा में इनका अलग से कोई पेपर नहीं होगा। दसवीं का नया कोर्स राज्य की सभी स्कूलों में लागू कर दिया गया है। चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट। सभी स्कूलों में इसी सिस्टम से परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।

इसका ब्लू प्रिंट जारी कर दिया गया है। इससे परीक्षाओं में किस यूनिट से कितने सवाल पूछे जाएंगे? सरल प्रश्नों का प्रतिशत कितना रहेगा, कठिन का कितना? यह सब अब तय हो गया है। इसके तहत नए कोर्स में सभी विषयों को 75 और 25 के अनुपात में बांटा गया है।

पर्यावरण का पर्चा इस बार नहीं

दसवीं बोर्ड से इस बार पर्यावरण का हटा दिया गया है। बोर्ड परीक्षा में इसका अलग से कोई पर्चा नहीं होगा। दसवीं के विभिन्न विषयों में इसके कुछ-कुछ चैप्टर को शामिल कर लिया गया है। अफसरों का कहना है कि पहले भी पर्यावरण में फेल या पास होने से विद्यार्थी के रिजल्ट पर कोई फर्क नहीं पड़ता था। विद्यार्थी इसे अतिरिक्त विषय ही समझते थे।

अंग्रेजी में 33 % सवाल होंगे सरल दसवीं के नए कोर्स के तहत होने वाली बोर्ड परीक्षा में हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत में 30 फीसदी सवाल सरल होंगे। 20 फीसदी कठिन और 50 फीसदी औसत रहेंगे। जबकि अंग्रेजी कुछ अलग होगा। इस विषय में विद्यार्थियों से 33 फीसदी आसान सवाल पूछे जाएंगे। 16 फीसदी सवाल कठिन होंगे और 51 फीसदी औसत रहेंगे। इससे अंग्रेजी के पर्चे में विद्यार्थियों की दिक्कतें कम होगी।

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